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इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल
भारत में इस वक्त 693 इलेक्ट्रिक ट्रक्स बिक्री के लिए उपलब्ध है.इनमें से एसएन सोलर एनर्जी न्यू पैसेंजर इलेक्ट्रिक रिक्शा सबसे सस्ता इलेक्ट्रिक ट्रक जबकि एका के1.5 सबसे महंगा इलेक्ट्रिक ट्रक है.महिंद्रा टरेओ, टाटा ऐस ईवी, पियाजियो आपे इ सिटी, महिंद्रा ट्रियो यारी और महिंद्रा ट्रेओ जोर सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं। पर भारत में बेस्ट इलेक्ट्रिक ट्रक्स और उनकी प्राइस देखें और एक सही कमर्शियल व्हीकल चुनने के लिए ट्रकों को कंपेयर करें।इन इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स में ऑटो रिक्शा, मिनी-ट्रक्स्, 3 व्हीलर और ई रिक्शाशामिल हैं।
पूरी दुनिया में एक तरफ जहां ऑटोमोटिव सेक्टर के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम काफी तेजी से चल रहा है। वहीं कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट भी इससे कोई अछूता नहीं है। ग्लोबल मार्केट्स की तरह इंडियन कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री भी तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ बढ़ रही है। हालांकि, दूसरे देशों से अलग भारत की ट्रकिंग इंडस्ट्री में लास्ट माइल कार्गो डिलीवरी के लिए काफी उपयोगी साबित होने वाले कार्गो और लोगों को लाने ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा नाम से फेमस पीपल कैरियर 3 व्हीलर का भी इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा रहा है। भारत में ऑटो-रिक्शा सेगमेंट का इलेक्ट्रिफिकेशन किए जाने की एक बड़ी वजह ये है कि ये मिडिल क्लास कस्टमर्स के लिए काफी उपयोगी साबित होते हैं जो इन्हें बिना किसी उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के एक सीमित स्थान में आसानी से राइड कर सकते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ऑपरेट करने में सस्ते पड़ते हैं और इससे इनकम भी बढ़ती है।
एंट्री लेवल इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर को टार्गेट करते हुए भारत में कई मैन्युफैक्चरर्स और स्टार्ट अप्स ने देश में ही डिजाइन और डेवलप किए गए इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर लॉन्च कर दिए हैं। इन मैन्युफैक्चरर्स में पियाजिओ,महिंद्रा और अतुल ऑटो मुख्य तौर पर शामिल हैं साथ ही, युलर मोटर्स,अल्ट्रीग्रीन और ओमेगा सेकी जैसी उभरती कंपनियां भी मार्केट में लगातार अपने पैर पसार रही है। पैसेंजर और कार्गो कैरियर सेगमेंट में कई इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स अलग-अलग प्राइस पॉइंट, रेंज और फीचर्स के हिसाब से उपलब्ध हैं।
2024 के टॉप 10 इलेक्ट्रिक ट्रक्स और उनकी प्राइस
मॉडल | कीमतों |
---|---|
महिंद्रा टरेओ | ₹3.06 - ₹3.37 Lakh |
टाटा ऐस ईवी | से ₹8.72 Lakh |
पियाजियो आपे इ सिटी | से ₹1.95 Lakh |
महिंद्रा ट्रियो यारी | ₹1.79 - ₹2.04 Lakh |
महिंद्रा ट्रेओ जोर | ₹3.13 - ₹3.48 Lakh |
मोंट्रा इलेक्ट्रिक सुपर ऑटो | ₹3.02 - ₹3.50 Lakh |
महिंद्रा ज़ोर ग्रैंड | ₹3.50 - ₹3.80 Lakh |
वाईसी इलेक्ट्रिक यात्री सुपर | से ₹1.69 Lakh |
महिंद्रा ट्रियो प्लस | ₹3.44 - ₹3.69 Lakh |
मिनी मेट्रो ई रिक्शा | से ₹1.10 Lakh |
भारत में कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल
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ब्रांड के अनुसार पॉपुलर कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल
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इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स का भविष्य
पेट्रोल/डीजल व्हीकल के मुकाबले ये काफी अच्छे विकल्प हैं जो बिल्कुल भी पोल्यूशन नहीं फैलाते हैं और तेजी से एडवांस होती इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी के कारण इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स का भविष्य काफी अच्छा है। इलेक्ट्रिक ट्रक्स के सुनहरे भविष्य से जुड़े कुछ और तर्क इस प्रकार से है:
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कम रनिंग कॉस्ट
कंबशन इंजन व्हीकल्स की ज्यादा फ्यूल कॉस्ट और पेचीदा पावरट्रेन कंपोनेंट्स के कारण इनकी ऑपरेशनल कॉस्ट और मेंटेनेंस कॉस्ट काफी ज्यादा होती है। दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स मेंटेन करने में आसान है और इलेक्ट्रिसिटी की कीमत भी काफी कम है।
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दमदार परफॉर्मेंस
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स काफी बेहतर टॉर्क आउटपुट देते हैं और ये पेट्रोल/डीजल से चलने वाले व्हीकल्स से ज्यादा रिस्पॉन्सिव होते हैं और इनसे कंफर्टेबल ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिलता है।
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इको फ्रेंडली
कंबशन इंजन के मुकाबले इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स बिल्कुल भी पॉल्यूशन नहीं फैलाते हैं। नतीजतन आज ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें अपना रहे हैं और पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए लंबे समय तक इन्हें काम में ले रहे हैं।
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कोई शोर शराबा नहीं
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स बिल्कुल भी शोर नहीं करते हैं, जिससे आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण कम फैलता है और कुछ सवेंदनशील इलाकों में इनका उपयोग सबसे बेहतर रहता है। इसलिए बिजनेस करने वाले लोग ऐसे कमर्शियल व्हीकल्स को उपयोग में ले रहे हैं।
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सब्सिडी
भारत सरकार अब कमर्शियल व्हीकल फ्लीट के इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ रही है और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहले से ही फेम II सब्सिडी की पेशकश कर रही है। इन कारणों से भारत में इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स को काफी बढ़ावा मिल रहा है और सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक ट्रकों और 3 व्हीलर को अपनाया जा रहा है, मगर हैवी ट्रकों का इलेक्ट्रिफिकेशन अभी काफी धीरे धीरे हो रहा है। हालांकि, हैवी ट्रक सेक्टर में तेजी से लॉन्चिंग की बातें भी लगातार सामने आ रही है।
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल न्यूज और अपडेट्स
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इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की बैटरी को कैसे मेंटेन करें
फुल चार्ज ना करें:
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल की बैटरी को बार-बार 100 प्रतिशत चार्ज करने से बैटरी खराब होने का खतरा हमेशा ही बना रहता है। ऐसे में लंबी बैटरी लाइफ के लिए व्हीकल के बैटरी पैक को लगभग 80 प्रतिशत तक चार्ज करने की सलाह दी जाती है।
ओवरलोडिंग से बचें:
मैन्यूफैक्चरर्स की ओर से पेलोड लिमिट्स को लेकर दिए जाने वाले सुझाव को मानना चाहिए, क्योंकि ओवरलोडिंग से इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल के बैटरी पैक पर दबाव पड़ता है जिससे इनकी एफिशिएंसी और लाइफ कम हो जाती है।
ज्यादा तापमान के संपर्क में आने से बचें:
ज्यादा तापमान इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल की बैटरी की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है। इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल को बहुत अधिक या बहुत कम तापमान के संपर्क में लाने से बैटरी को नुकसान हो सकता है।
सेफ स्टोरेज:
व्हीकल को लंबे समय तक, विशेष रूप से एक महीने से अधिक समय तक काम में ना लेने की स्थिति में बैटरी चार्ज लेवल 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के बीच मेंटेन रखना सुनिश्चित करें और बैटरी पैक को लंबे समय तक पूरी तरह से खत्म होने से बचाएं।
रेगुलर मेंटेनेंस:
ओरिजनल इक्विपमेंट सेंटर पर रेगुलर मेंटेनेंस चैकअप और सर्विस से इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल की बैटरी की लाइफ बढ़ाई जा सकती है। एफिशिएंसी और लाइफ बढ़ाने के लिए व्हीकल की लगातार सर्विसिंग भी बेहद जरूरी है।
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की खूबियां और खामियां
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स को अक्सर भारत में बिजनेस ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श विकल्प माना जाता है, लेकिन क्या ये वास्तव में आपकी आवश्यकताओं के लिए सही विकल्प हैं? डालते हैं एक नजर:
खूबियां
दमदार परफॉर्मेंस:
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स अपने हाई-परफॉर्मेंस बैटरी पैक और इलेक्ट्रिक मोटर्स के कारण कई तरह के काम में लिए जा सकते हैं।
जीरो एमिशन:
कंबशन इंजन बेस्ड कमर्शियल व्हीकल्स के मुकाबले इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलाते हैं और इको फ्रेंडली होते हैं।
कम मेंटेनेंस कॉस्ट:
पेट्रोल-डीजल से चलने वाले व्हीकल्स की तुलना में इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की ऑपरेशनल कॉस्ट कम होती है। चूंकि इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट डीजल व पेट्रोल से कम होती है, और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कंपोनेंट्स भी काफी सिंपल होते हैं, ऐसे में इनके रखरखाव पर कम खर्च आता है।
कोई शोर नहीं करते:
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स कोई शोर नहीं करते हैं और शहरों और कुछ संवेदनशील इलाकों के लिए ये सबसे बेहतर माने जाते हैं।
ईवी इंसेटिव:
भारत सरकार देशभर में इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए टैक्स क्रेडिट, सब्सिडी और इंसेटिव्स की पेशकश कर रही है।
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कमियां
बैटरी चार्जिंग टाइम
डीजल और पेट्रोल कमर्शियल व्हीकल्स में तेल भरने में लगने वाले समय की तुलना में इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स को चार्ज करने में अधिक समय लगता है। इससे ऑपरेटर्स और बिजनेस ओनर्स की ऑपरेशनल एफिशिएंसी और प्रॉफिटेबिलिटी प्रभावित होती है।
काफी कम ऑप्शन
पारंपरिक कमर्शियल व्हीकल्स की एक बड़ी रेंज से ठीक उलट इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की रेंज में सीमित मॉडल मौजूद हैं, जिनमें से हैवी हॉलेज इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स के तो काफी कम ही ऑप्शन मौजूद हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
लंबे सफर के दौरान चार्जिंग स्टेशनों की कमी और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ना होने के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की रेंज एक बड़ी चिंता के रूप में देखी जाती है।
बैटरी की कीमत
भारत में अधिकांश इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स के साथ आने वाली लिथियम-आयन बैटरी पैक को बदलने में आमतौर पर बहुत अधिक लागत आती है, जिससे बिजनेस की प्रॉफिटेबिलिटी कम हो सकती है।
ओवरटाइम बैटरी डीग्रेडेशन
एक समय के बाद इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल के बैटरी पैक की क्षमता कम हो जाती है और यह इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की ड्राइविंग रेंज और उसकी परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है।
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इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स पर पूछें जाने वाले प्रश्न
मुझे इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल क्यों लेना चाहिए?
क्या मुझे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर चिंतित रहना चाहिए?
क्या इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल सुरक्षित है?
एक इलेक्ट्रिक ट्रक को चार्ज करने में कितना समय लगता है?
इसके अलावा, भारत में अल्टीग्रीन जैसे व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स यह भी आश्वासन दे रहे हैं कि एक्सपोनेंट का ई-पंप चार्जिंग नेटवर्क उनके कमर्शियल-ग्रेड इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर को केवल 15 मिनट में 0 से 100 प्रतिशत तक चार्ज कर सकता है। एडवांस होती टेक्नोलॉजी के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी अब बेहतर होने लगा है।
इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल को कैसे चार्ज करें?
यहां ऑपरेटर को चार्जिंग स्टेशन से व्हीकल के चार्जिंग पोर्ट में चार्जिंग केबल लगाना होता है, यह वैसा ही है जैसा कि हम अपने मोबाइल को चार्ज करते हैं। एक बार व्हीकल के पूरी तरह चार्ज हो जाने पर, चार्जिंग स्टेशन की डिस्प्ले पर फुल चार्जिंग दिखने लगती है। इसके बाद, केबल को व्हीकल के चार्जिंग पोर्ट से सुरक्षित रूप से डिस्कनेक्ट किया जाता है।