वोल्वो ट्रक्स एशिया पेसिफिक फ़्यूलवॉच चॅलेंज 2016 हुई समाप
Published On Sep 19, 2016
इस साल के एशिया पेसिफिक फ़्यूलवॉच चॅलेंज के 10वाँ एडिशन, जिसकी मेज़बानी वोल्वो ट्रक्स द्वारा की गयी थी, का समापन पिछले हफ्ते हुआ। इस इवेंट के लिए देशभर के कई क्षेत्रों में नॅशनल कॉंपिटेशन्स की सीरिज़ आयोजित हुई, और रेस के अंतिम दिन 14 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेते हुए स्वीडन स्थित फाल्केनबर्ग रेसट्रेक पर इस प्रतियोगिता को अंतिम रूप दिया। चीन के श्री सू चीन-लंग के पहला स्थान प्राप्त किया, व श्री अनिल रेड्डी, जो की भारत की ओर से प्रतिभागी थे, को पहला रन्नर-अप घोषित किया गया, जिन्होंने विजेता प्रतिभागी को काँटे की टक्कर दी।
श्री जांघयन सन, जो मलिक हैं मोआ आइसीटी के, जो क़ी कोरीया में कन्स्ट्रक्षन व इकठ्ठा सामग्री का वेस्ट ट्रांसपोर्ट करने वाली का काम करती है, और खुद ट्रक ड्राइवर भी हैं, उनको ऑफ रोड केटेगरी में अन्य प्रतिभागियों के मुक़ाबले 14 प्रतिशत कम फ़्यूल इस्तेमाल करने के लिए सबसे फ़्यूल एफीशियेंट ड्राइवर घोषित किया गया। विजेता सू चीन-लंग ताइवान की एक बड़ी ट्राँसपोर्टेशन कंपनी में प्रोफेशनल ड्राइवर की हैसियत से काम करते हैं। उन्होंने दूसरे प्रतिभागियों के विपरीत 32 प्रतिशत कम फ़्यूल खर्च किया चॅंपियनशिप के दौरान।
श्री अनिल रेड्डी, पहले रन्नर-अप रहे ऑफ रोड केटेगरी के अंदर और एस वी इंजिनियरिंग (भारत) में माइनिंग ट्रक ड्राइवर हैं, नॅशनल चॅंपियन रहे भारत में एशिया पेसिफिक फ़्यूल वॉच चॅलेंज के लिए। श्री रेड्डी जीत व इवेंट के प्रति अपना उत्साह जताते हुए कहा की उन्हें वोल्वो ट्रक ड्राइवर होने पर गर्व है। उन्होंने यह भी बताया की वह फ़्यूल बचाने के अपने इस अनुभव को, जो उन्हें फ़्यूलवॉच प्रोग्राम से मिला है, भारत जाकर अपने सहयोगी ड्राइवर्स के साथ शेयर करने की सोच रहे हैं ताकि वह भी फ़्यूल बचाने के महत्व को समझें और इस के प्रति जागरूक हों।
विजेताओं को उनके इस कारनामे पर बधाई देते हुए श्री हेलेन मेल्लक्विस्ट, जो की वोल्वो इंटरनॅशनल ट्रक्स के प्रेसीडेंट हैं ने कहा की, "हमारे प्रतिभागियों द्वारा दर्शाए गये ज़बरदस्त परफॉर्मेंस ड्राइवर्स की महत्वता को दर्शाता है, जब बात फ़्यूल एफीशियेन्सी की आती है। इस प्रतियोगिता का मकसद अपने अपने तजुरबों के ज़रिए ड्राइवर की परफॉर्मेंस शेयर को बेहतर बनाना व बिज़नेस को लंबे समय तक फ़ायदा पहुँचाने का है।"
अनिल रेड्डी, जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया गोथेमबर्ग तक, की खूब प्रशंसा करते हुए, श्री जी वी राव, जो की डाइरेक्टर हैं, ब्रांड एंड मार्केटिंग, वोल्वो ट्रक्स इंडिया ने कहा की, "यह भारत और भारत की ड्राइवर कम्यूनिटी के लिए एक गर्व का मौका है। फ़्यूल वॉच के हर एक कॉंपिटेशन के साथ मुक़ाबले कड़े से कड़ा होता चला गया और भारतीय ड्राइवर्स तेज़ी से कॉंपिटेटिव होते चले गये विश्व स्तर पर इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए। इस तरह की प्रतियोगिताएँ ड्राइवर के व्यवहार के महत्व को रेखांकित करता है और फ़्यूल एफीशियेन्सी, प्रॉडक्टीवीटी व सेफ्टी के प्रति उनके योगदान को भी सरहता है।"
एशिया पेसिफिक फ़्यूलवॉच चॅलेंज का लक्ष्य है बिज़्नेसस में, सोसाइटी में व वातावरण में बेहतरीन परफॉर्मेंस कम से कम कॉस्ट पर। इस पार्टियोगिता की शुरुआत साल 2007 में हुई थी, और अब तक 15000 ड्राइवर्स इस प्रतिभाशाली इवेंट में भाग ले चुके है, जिन को की फ़्यूलवॉच कम्यूनिटी के प्रतिनिधियों के रूप में देखा जाता है, जिससे की इंडस्ट्री में बेहतर फ़्यूल एफीशियेन्सी व ज़्यादा प्रॉफ़िटेबिलिटी को बढ़ावा मिल सके।