नॉर्थ अमेरिका के ट्रक मेकर्स वहाँ की ट्रकिंग इकॉनॉमी को लेकर चिंतित
Published On May 18, 2016
दुनिया की प्रमुख इकॉनॉमी, अमेरिका, में ट्रकिंग इंडस्ट्री का भविष्य मंदा पढ़ता दिखाई दे रहा है। वर्तमान में गर्मियों के सीजन में ट्रक्स के लिए ऑर्डर्स में आई कमी को देखे हुए युनाइटेड स्टेट्स (यू.एस) के कमर्शियल व्हीकल ऑपरेटर्स को ट्रक ट्रांसपोर्ट में गिरती हुई डिमांड के प्रति सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसी स्थिति न सिर्फ ट्रकिंग इंडस्ट्री में देखने को मिल रही है, बल्कि यही हाल एग्रीकल्चरल मशीनरी का भी हो रहा है।
ट्रकिंगइंफो डॉट कॉम के मुताबिक यू.एस में फ्लीट ऑपरेटर्स को अतिरिक्त कैपिसिटी की आवश्यकता नहीं है। पिछले 6 सालों की तुलना में क्लास 8 ट्रक्स (15000 किलो ग्राम से ज्यादा ग्रोस व्हीकल वेट वाले व्हीकल्स) के ऑडर्स में पिछले साल सबसे कम संख्या रही। साल 2014 के अक्टूबर के महीनें में आए 46,000 यूनिट्स के जबरदस्त ऑर्डर्स की तुलना में अप्रैल 2014 में महज 13,500 यूनिट्स के ही ऑर्डर्स आए। यह पिछले साल की तुलना में 39 फीसदी और महीने के हिसाब से 16 फीसदी की कमी है।
ऑर्डर्स की संख्या में कमी आने के बावजूद ट्रांसपोर्ट गुड्स की रेवेन्यु में भी बहुत तेजी से कमी आई है। नवंबर 2014 में प्रति लोडेड मील (वार्षिक आधार पर) की शानदार 6 फीसदी की छलांग की तुलना में इस साल फरवरी में ट्रांसपोर्ट की दरों में 1 फीसदी से भी कम की वृद्धि हुई। इसी आधार पर पिछले साल की तुलना में नॉर्थ अमेरिका में आने वाले समय में सड़कों पर सामान ढ़ाने की प्रक्रिया के प्रति सोचने पर मजबूर कर रहा है।
एक कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री के डाटा की प्रमुख पब्लिशर, एसीटी रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्लास 8 ट्रक्स की सप्लाई मांग की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ेगी। इस के अलावा कनाड़ा के दौरान एक्सपोर्ट्स की डॉलर वेल्यु अधिकतम 25 फीसदी तक गिर चुकी है। इस का कारण केनेडियन डॉलर की वेल्यु कम होना तथा कमजो अर्थव्यवस्था का होना है।
ट्रक मेकर्स के अलावा इससे संबंधित अन्य इंडस्ट्रीज जैसे कि यूज्ड फार्म इक्यूमेंट सेक्टर भी मंदी स्थिति से गुजर रहा है। इस में साल 2013 की पहली तिमाही से लेकर साल 2015 की आखिरी तिमाही के बीच में लगातार गिरावट बनी हुई है।