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कब आपके ट्रक को नये टायर्स की ज़रूरत है, जानिए तीन सरल संकेतों द्वारा

Published On Oct 11, 2016By Mukul Yudhveer Singh

ट्रक और सड़क के बीच संपर्क जोड़ने का काम केवल टायर्स ही करते हैं, और अमूमन उन्ही की देखरेख सबसे कम की जाता है। यह बेहद महत्त्वपूर्ण रोल अदा करते हैं अच्छा माइलेज मेनटेन करने में, आप को सेफ्टी के लिए बढ़िया ग्रिप मुहैया कराते हैं व आप के काम के लिए हज़ारों किलो मीटर तक बिना रुके चुपचाप चलते रहते हैं। 'रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया - 2015 रिपोर्ट' के अनुसार, ट्रक्स, बसेस, लाइट व मीडियम व्हीक्ल्स के वजह से देश में 35 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएँ (एक्सीडेंट्स) होती हैं। यहाँ ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आता जो की यह कहता हो की खराब और पुराने टायर्स की वजह से यह होता है, लेकिन अनगिनत कमर्शियल व्हीक्ल्स मालिकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे व्हीक्ल्स जिन में पुराने टायर्स लगे हैं उनकी अपनी एक अलग ही कहानी है।

यहाँ तीन ऐसे लक्षण व संकेत दिए जा रहे हैं जो की बता सकते हैं की यह सही समय है या नहीं ट्रक के टायर्स बदलने का। नीचे दिए गये इन में से कई संकेत ऐसे हैं जो की हमेशा आप की आँखों के सामने रहते हैं लेकिन फिर भी सबसे ज़्यादा नज़र अंदाज़ किए जाते हैं।

लगातार पंक्चर्स का होने

यदि आप के ट्रक में पिछले छे: महीनों में पाँच या इससे ज़्यादा बार पंक्चर की चपेट में आया है, तो यह सही समय की आप खराब रोड कंडीशन्स को दोष देने के बजाए किसी प्रोफेशनल टायर डीलर से संपर्क करें। अक्सर टायर फ्लेट होना इस बात की निशानी है की टायर की साइड वॉल अब कमज़ोर हो गयीं हैं। और इन हालात में, किसी भी छोटी सी कील या कम नुकीले वास्तु से भी आसानी के साथ रब्बर में घुस कर व्हील को पंक्चर कर सकता है। इसलिए बेहतर है की, किसी टायर एक्सपर्ट से सलाह ली जाए ताकि बाद में परेशन होना नहीं पड़े।

टायर ट्रेड का घिस जाना

इस बात में कोई संदेह नहीं है की हर चीज़ की तारह टायर भी किसी आयुमार्यादा (लाइफस्पेन) के साथ आते हैं, और टायर का घिसा हुआ पुराना ट्रेड (यानी टायर का वो हिस्सा जो की सड़क से चिपक कर चलता है) इस बात का सबूत है। करीबन सभी ट्रक फ्लीट ओनर्स और ट्रक ड्राइवर्स इस तथ्य/फेक्ट से अवगत होते हैं, लेकिन फिर भी इस को नज़र अंदाज़ किया जाता है। याद रहे घिसे हुए टायर जल्दी गरम होते हैं और उससे उनके फटने का ख़तरा काफ़ी हद तक बढ़ जाता है।

इस के अलावा, क्या आप जानते हैं की पुराने घिसे हुए टायर्स आप के मार्जिन पर भी असर डाल सकते हैं, क्योंकि इस स्थिति में यह माइलेज भी कम दे पाते हैं और एक्सीडेंट्स होने की संभावनाएँ अलग बढ़ जाती हैं। यदि इन टायर्स को अच्छी तरह से मेनटेन किया जाए तो इन की औसतन लाइफस्पेन 50 साल से ज़्यादा भी हो सकती है। इस के लिए अपने टायर डीलर से टायर मेंटेनेंस संबंधी क्या करें व क्या ना करें के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

टायर की साइड वॉल्स में दरारें पड़ना

एक टायर की साइड वॉल्स उतनी ही महत्त्वपूर्ण होती हैं जितनी की उसका ट्रेड। साइड वॉल्स कमज़ोर होने के बाद उन में दरारें (क्रेक) पड़ने से टायर के अचनाक फटने का ख़तरा हमेशा बना रहता है, जिस के कारण ख़तरनाक एक्सीडेंट्स होने की संभावनाएँ रहती हैं। टायर्स में क्रेक होने का कारण है टायर में सुझाव किए गये हवा के प्रेशर का कम या ज़्यादा होना। टायर की साइड वॉल में केवल एक भी छेद जीवन को क्षति पहुँचाने के लिए काफ़ी है। किसी भी तारह की असमंजस की स्थिति में एक्सपर्ट की राय लें और देखें की आप के ट्रक को टायर्स के नये जोड़े की ज़रूरत तो नहीं है।

टायर में हमेशा सही एयर प्रेशर रखें। यदि संभव हो तो अपने साथ एयर प्रेशर नापने का यंत्र अपने साथ रखें टायर प्रेशर चेक करने के लिए और लंबी यात्रा करने से पहले टायर्स को चेक कर लें।

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