टाटा मोटर्स ने नवंबर 2016 की सेल्स में 17% की गिरावट दर्ज की
Published On Dec 06, 2016
देश की सबसे दिग्गज कर्मशियल व्हीकल प्लेयर, टाटा मोटर्स, ने पिछले महीने निराशाजनक प्रदर्शन किया है हुए अपनी सेल्स में गत साल के मुक़ाबले (इसी समय के दौरान) पतन दर्ज किया है। देखा जाए तो कई सेगमेंट्स जैसे की कन्स्ट्रक्षन सेक्टर ने अच्छा बिज़नेस करते हुए व्हीक्ल्स की अच्छी बिक्री की है, परंतु कार्गो सेल्स में भारी गिरावट देखने को मिली है। कुल मिलकर नवंबर 2016 में साल दर साल के आधार पर कमर्शियल व्हीकल की सेल्स में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। जिस के कारण इस वित्तीय वर्ष में टाटा मोटर्स के ट्रक्स की ओवरऑल परफॉर्मेंस को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वहीं कंपनी के लाइट कमर्शियल व्हीकल (एल सी वी) और स्माल कमर्शियल व्हीकल (एस सी वी) सेगमेंट पिछले साल के मुक़ाबले इसी समय के दौरान बीते नवंबर माह में 13 प्रतिशत गिरावट की गवाह रही। और मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट (एम एंड एच सी वी) सेगमेंट में कार्गो ट्रक्स की सेल्स में गत साल के विपरीत 28 प्रतिशत की भारी कमी देखने को मिली। कमर्शियल व्हीक्ल्स के लिए कुल सेल्स आँकड़े 20538 यूनिट्स रहे, जो की 3492 यूनिट्स कम हैं नवंबर 2015 में रेकॉर्ड किए गये आँकड़ों के मुक़ाबले।
इस निराशाजनक परफॉर्मेंस का संभवता सबसे बाड़ा कारण नोट बंदी हो सकता है, जिस ने लंबी दूरी पर चलने वाले कार्गो ऑपरेटर्स को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। हालाँकि, दिवाली सीज़न से कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री को काफ़ी उम्मीदें थीं, लेकिन सरकार के बड़े नोट बंद करने के फ़ैसले ने अनगिनत ऑपरेटर्स को मुश्किल में डालते हुए उन्हें व्हीक्ल्स खरीदने से वंचित रखा। आईसीआरए, जो की एक क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी है, की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रकिंग इंडस्ट्री ने नोट बंदी के बाद से 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की है।
टाटा मोटर्स की सेल्स में सम्मान बचाने के लिए कन्स्ट्रक्षन सेगमेंट ही एक ही आशा की किरण लेकर आया है, 46 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ के साथ। इस का पूरा श्रेय बरसात के बाद होने वाले माइनिंग और कन्स्ट्रक्षन क्षेत्र में आ रही तेज़ी को जाता है।
नोट बंदी के असर से कोई भी अनछुआ नहीं रहा है और इस की गाज हर बड़े ट्रक मॅन्युफॅक्चरर पर गिरी है, सिवाय अशोक लीलेंड के। जब की महिंद्रा एंड महिंद्रा, वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीक्ल्स (वी ई सी वी), और एस एम एल इसुज़ु सभी ने साल दर साल के आधार पर अपनी अपनी सेल्स में गिरावट रिजिस्टार की है, वहीं अशोक लीलेंड ने नवंबर 2016 में उत्साहजनक ग्रोथ रिकॉर्ड की है।