टाटा मोटर्स ने डीज़ल व्हीक्ल्स के बेन को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल का रुख़ किया
Published On Aug 10, 2016
कुछ समय पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ऑटो मेकर्स के प्रति नये डीज़ल व्हीकल रेजिस्ट्रेशन को लेकर नेशनल कॅपिटल रीजन (एनसीआर) में कुछ कठोर कदम उठाए थे। हालाँकि, अभी दिल्ली में पल्यूशन (प्रदूषण) को लेकर केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग चल रहा है, इस के बावजूद, टाटा मोटर्स ने एनजीटी में एक याचिका दायर करते हुए ट्रिब्यूनल से उनके फ़ैसले पर स्पष्टीकरण माँगा है। इस मामले पर एन जी टी ने फ़ैसला लिया है की इस की सुनवाई 24 अगस्त 2016 को होगी।
टाटा मोटर्स द्वारा यह कार्रवाई इस लिए अमल में आई क्योंकि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने नये मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीक्ल्स को रिजिस्टर करने से माना कर दिया, जो की 10 साल पुराने थे, एनजीटी द्वारा पास किए गये क़ानून के मुताबिक। 11 दिसंबर 2015 को दिए गये इस ऑर्डर के अनुसार ना कोई नया डीज़ल व्हीकल और ना ही वो डीज़ल व्हीक्ल्स जो की 10 साल से ज़्यादा पुराने हैं उनका रेजिस्ट्रेशन एनसीआर में अगली सुनवाई तक नहीं होगा। अपनी 6 जनवरी 2016 की अगली सुनवाई में एनजीटी ने स्पष्ट किया की जैसे की मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और दिल्ली के पोल्यूशन के सन्दर्भ में उसका फ़ैसला आना अभी बाकी है इसलिए वह अपनी तरफ से कोई अधिनियम पास नहीं कर सकती।
टाटा मोटर्स के तरफ से एनजीटी को सौंपे गये एप्लिकेशन में कहा गया है की, "आवेदक इस बात पर रोशनी डालना चाहता है की ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, एनसीआर, दिल्ली सरकार के द्वारा मीडियम और हेवी कमर्शियल डीज़ल व्हीक्ल्स को रिजिस्टर नही करने के कारण उसको बिज़नेस में काफ़ी नुकसान उठाना पढ़ रहा है, यह दो ऑर्डर्स 11 दिसंबर 2015 ओर 6 जनवरी 2016 को ट्रिब्यूनल द्वारा पारित किए गये थे।"