मेन ने नयी ड्राफ्टिंग स्कीम के तहत अपने ऑटोनोमस ट्रक्स को गति दी
Published On Apr 05, 2016
ग्लोबल ट्रक मेकर मेन ऑटोनोमस ट्रक ड्राइविंग में बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। यूरोप के अन्य प्रमुख ब्रैंड्स, जिन में डेमलर और स्कैनिया जैसी दिग्गज कंपनीज़ शामिल हैं, सेल्फ ड्राइविंग ट्रक्स को वास्तविकता की स्थिति में लाने पर काम कर रही है, उन्हीं की तर्ज़ पर मेन भी चलना चाहती है।
हाल ही में यह कंपनी एक नया प्रोटोकॉल जारी कर चुकी है जो इस के प्लान को आगे बढ़ाने वाला है। यह नई स्कीम कॉनवॉय (रक्षा दल) ड्राइविंग पर आधारित है, और इन ही कॉनवॉयस में मौजूद व्हीक्ल्स के बीच बेहतर तालमेल पर विचार हो रहा रहा है। इन सभी ट्रक्स में वाई-फाई कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी जो सड़क पर चलते समय एफिशियंसी बढ़ाएगी।
मेन द्वारा आयोजित किए गए इस इवेंट में जर्मनी के ट्रांसपोर्ट मंत्री श्री अलेग्जेंडर डोब्रिंड्ट भी मौजूद थे। उन्होंने इस स्कीम के प्रति अपना विश्वास तथा सकारात्मक रेस्पॉन्स जताया। इस आयोजन में यह बताया गया कि बदलते हुए इस जमाने में टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर अपनाया जाएगा। उन्होंने इस नए नए सिस्टम की प्रमुख बातें एक समानांतर ड्रॉइंग के तहत उस तरह से बताई जिस तरह से आज स्मार्टफोन्स आम लोगों में पहुंच चुके हैं।
मेन की हेवी ड्यूटी व्हीकल आर्म के हेड श्री एंड्रेस रेन्सच्लेर ने अपने विश्वास के साथ कहा कि आने वाले सालों में ड्राफ्टिंग एक अपनाया जाने वाला और सुसंगत विचार होगा। उन्होंने बताया गया कि ज्यादा अच्छा काम करने के लिए इस तकनीक को फंक्शन के अन्दर शामिल करना होगा। उनके अनुसार एक मजबूत डिजिटल तथा कनेक्टिविटी आधारित स्क्ट्रक्चर काम करने के तरीके को आगे बढ़ाने में काफी सहायक होता है।
हाल ही में मेन ई.यू द्वारा आयोजित किए गए प्लाटूनिंग चेलेंज में भी हिस्सा चुका है। इस इवेंट में स्कैनिया तथा वोल्वो जैंसी कंपनियों ने भी हिस्सा लिया जिस का मकसद प्लाटूनिंग की इकॉनॉमिक तथा कमर्शियल व्यवहारिकता को टेस्ट करना था। इस टीम का उद्देश्य एक ट्रक के पैक के बीच में क्लोज रेंज ड्राइविंग को उजागर करना था, जो कि रेसिस्टेंस को कम करने तथा सभी तरह की एफिशियंसी को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा अपेक्षा की जाती है कि यह तकनीक सड़कों पर सेफ्टी को बढ़ाने वाली भी है।