भारत में लाइट कमर्शियल व्हीकल की सेल्स आई पटरी पर
Published On Nov 07, 2016
एक सशक्त ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को किसी भी डेवेलपिंग इकॉनोमी का मज़बूत हिस्सा माना जाता है। किस भी देश की सड़कों पर दौड़ते कमर्शियल व्हीक्ल्स की संख्या से उस के ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री की हालत का पता लगाया जा सकता है। जितने ज़्यादा आपको कमर्शियल व्हीक्ल्स सड़कों पर दौड़ते मिलेंगे उतनी ज़्यादा उसकी सेहत अच्छी है। साथ ही, रोज़ाना जुड़ रही नये कमर्शियल व्हीक्ल्स की संख्या से भी देश की मौजूदा ट्रांसपोर्ट इनफ्रास्ट्रक्चर व उसकी समृद्ध अर्थव्यवस्था का जायज़ा लिया जा सकता है।
कमर्शियल व्हीक्ल्स मॅन्यूफॅक्चरर्स ने भारत में कुल 195,767 लाइट कमर्शियल व्हीक्ल्स (एल सी वी) की सेल्स की है अप्रैल से सितंबर 2016 की समय सीमा में। भारत के एलसीवी सेगमेंट ने गत वर्ष इसी समय के दौरान कुल 175,270 यूनिट्स की सेल्स अर्जित की थी। आँकड़ों के इस सकारात्मक बदलाव के साथ ही यहाँ एलसीवी केटेगरी में 11.69 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलती है।
मुख्य प्लेयर्स - टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वीईसीवी, अशोक लीलेंड और फोर्स मोटर्स
वीईसीवी 6 टन से 7.5 टन केटेगरी पर राज करती है
वोल्वो और आयशर के बीच का सहयोग देश में लगातार नयी बुलंदियों को छूता नज़र आ रहा है। इस दोनों के बीच के जॉइंट वेंचर वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीक्ल्स (वी ई सी वी) ने कुल 3111 लाइट कमर्शियल व्हीक्ल्स (एलसीवी) की सेल्स की और हाल में 6 टन से 7.5 टन केटेगरी के अंतर्गत इस का 53 प्रतिशत का मार्केट शेयर है। इस के सबसे करीबी प्रतिद्वंदी में शामिल हैं महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स।
टाटा मोटर्स है 3.5 टन से 6 टन केटेगरी में लोडकिंग
टाटा मोटर्स के 407 यहाँ 3.5 टन से 6 टन के सेगमेंट में सीधा विनर है। दिग्गज कमर्शियल व्हीकल मॅन्युफॅक्चरर ने कुल 7775 यूनिट्स की सेल्स की अप्रैल से सितंबर 2016 की समय सीमा के दरमियान। वैसे महिंद्रा और वीईसीवी ने भी इस सेगमेंट की सेल्स में तेज़ी दिखाई है, लेकिन फिर भी अभी उन्हें काफ़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
महिंद्रा है 2 टन से 3.5 टन केटेगरी का इक्का
जहाँ एक तरफ टाटा मोटर्स ने एलसीवी के 2 टन सेगमेंट में अपनी पोज़िशन टॉप पर बना रखी है, वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सफलतापूर्वक देश के 2 टन से 3.5 टन केटेगरी में धमाल कर रखा है। महिंद्रा ने 2-3.5 टन केटेगरी में 72 प्रतिशत का एक बड़ा शेयर हथिया रखा है अप्रैल से सितंबर 2016 की सेल्स में, जिस का पूरा श्रेय सदाबहार महिंद्रा बोलेरो के पिक अप वेरियंट्स को जाता है। हालाँकि, टाटा मोटर्स और अशोक लीलेंड ने क्रमश: 65 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है अपने अपने सेगमेंट्स में, लेकिन फिर भी महिंद्रा से करीब 10 हज़ार एलसीवी यूनिट्स पीछे दिखाई देते हैं।
टाटा मोटर्स ने 2 टन केटेगरी में जीत दर्ज की
टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा देश के 2 टन के मिनी ट्रक सेगमेंट में लगातार अपना दबदबा बनाए हुए हैं। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने एक बार फिर चार्ट्स में टॉप किया है अपने 96 प्रतिशत शेयर के साथ 2 टन केटेगरी में। टाटा मोटर्स ने कुल 39434 यूनिट्स की सेल्स अर्जित की वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा केवल 13193 यूनिट्स की सेल्स करने में कामयाब रही। यह सभी सेल्स आँकड़े अप्रैल से सितंबर 2016 के हैं।
भारत की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्टर के रूप में देखा जाता है, और एलसीवी सेगमेंट जहाँ दो अंकों में तरक्की करता दिखाई दे रहा है अगस्त और सितंबर 2016 के महीनों में, तो ऐसा लगता है की भारतीय कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री एक उज्जवल और आशाजनक भविष्य की ओर अग्रसर है।