• शहर चुनें

लास्ट माइल कनेक्टिविटी: कैसे थ्री व्हीलर कार्गो ट्रक्स ज्यादा आगे हैं

Published On May 06, 2016By लिसा प्रधान

जैसे कि इंडियन इकॉनॉमी और शहरीकरण देश के प्रत्येक क्षेत्र तथा कोने में बढ़ रहे हैं वैसे ही गुजरते हुए दिनों के साथ-साथ जल्दी से पहुंचने काम में आने वाले सामान और आधारभूत माल की जबरदस्त मांग बढ़ रही है। इस बढ़ावे को सकारात्मक ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत है जो कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी अपने प्रमुख स्थान पर पहुंचने की क्षमता रखते हों।

प्रत्येक अखिरी मील तक पहुंचने की इस निर्भरता के लिए ऑप्शंस तौर पर थ्री व्हीलर कार्गो ट्रक्स की सेल्स बढ़ रही है। इस सेगमेंट में साल अप्रैल-मार्च 2015 तक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में सेल्स 5.27 फीसदी की दर से बढ़ी है। यहां हम आपको उन्हीं कारणों के बारे में बता रहे हैं जिनसे इन तीन टांगो वाले व्हीकल्स की मांग बढ़ी है।

1. रिमोट इलाकों में अच्छी पहुंच


रोड़ आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टर्स ने हब एंड स्पॉक मॉडल्स को सामान ले जाने के लिए बनाना शुरू कर दिया। क्योंकि भारी ट्रक्स अभी तक शहर के तंग इलाकों में सामान ले जाने में हिचकिचाते हैं, तथा प्रत्येक आखिरी किलोमीटर तक पहुंच महत्वपूर्ण है और संकरी गलियों में सिर्फ थ्री व्हीलर कार्गो ट्रक्स द्वारा ही बैलेंस बनाया जा सकता है।

इनका कॉम्पेक्ट साइज तथा आसानी से हेंडल करना इन व्हीकल्स को संकरी गलियों में सामान ले जाकर पहुंचाने के मामले में पहली पंसद बना चुके हैं। इसी तरह ये छोटे, लेकिन पावरफुल व्हीकल्स ग्रामीण इलाकों में काफी पसंद किए गए क्योंकि बड़े के लिए आधारभूत फेसेलिटीज तथा भारी व्हीकल्स की कमी है।

2. झुकी हुई तथा घुमावदार सड़कों पर आसान वहन क्षमता


अक्सर झुके हुए अथवा उबड़-खाबड़ रास्तों में ड्राइवर को ऑफ रोड़ कंडीशंस में नेविगेट करने की जरूरत होती है जिनमें से स्थान विशेषतौर पर ग्रामीण इलाकों में होते हैं। इस प्रकार के केसों को हल करने के लिए ही थ्री व्हीलर ट्रक्स आए हैं। हालांकि, इन व्हीकल्स में ऑवरलोड करने पर झुकाव और सामान को गिरा देने का रिस्क रहता है लेकिन इन कंडीशनंस में ट्रांसपोर्टेशन के सामान ले जाने में व्हीकल्स को ज्यादा टॉर्क, ज्यादा ग्रेडिबिलिटी तथा बड़े व्हीलबेस की जरूरत होती है ताकी वो अपने झुकाव और दबाव को कम कर सके। बेस्ट इन क्लास स्फेशिफिकेशंस तथा ज्यादा टॉर्क नंबर्स के साथ बजाज मैग्जिमो सी (23 एनएम) तथा पियाजिओ आपे (22.2 एनएम) इस तरह की सड़कों के लिए बेहतर तरीके से सामान पहुंचाने वाले हैं।

3. ज्यादा माल चढ़ाने और उतारने में कम समय


रिमोर्ट एरियाज में कनेक्ट करने तथा सामानों की समय पर डिलीवरी करने के लिए यह जरूरी है कि व्हीकल की घड़ी सही समय पर घूमे (यानी व्हीकल के राउंड ट्रिप में लगाने वाला कुल समय)। इस मामले में लंबे ट्रिप्स तथा लाभ प्राप्त करने के लिए इंजन पावर अपना मुख्य रोल अदा करता है। इन जरूरत को पूरा करने के लिए कई प्रमुख ब्रैंड्स भी आगे आ रहे हैं। इनमें से इस सेगमेंट के कुछ थ्री व्हीलर कार्गो ट्रक्स में पियाजिओ आपे, बजाज मैग्जिमो सी, अतुल जेम तथा लोहिया हमसफर कर्गो शामिल हैं जो क्रमशः 9 बीएचपी, 8.88 बीएचपी, 7.5 बीएचपी तथा 10 बीएचपी वाले हैं।

4. सुरक्षित सामान


यही नहीं कि सामान सही समय पर अपने स्थान पर पहुंचना चाहिए बल्कि इस सामन की सुरक्षित डिलीवरी भी एक कंफर्टेबल राइड के साथ जरूरी है। रिमोट लोकेशंस अथवा गावों में पहुंचने के लिए गढ्ढ़ों तथा असमान सड़े पर सस्पेंशन अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। जिसमें कंज्यूमर के सामान तथा एलपीजी सिलेंडर से लेकर कंट्रक्शन और अंडो के कैरेट आदि मॅटेरियल को सुरक्षित पहुंचाना शामिल हैं।

थ्री व्हीलर्स में आखिरी मील तक पहुंचने में सस्पेंशन की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की जाने वाली है, इनमें कुछ मॅन्युफॅक्चरर्स जैसे बजाज स्टेंडर्ड रबर स्प्रिंग की बजाए हाइड्रायूलिक रीयर शॉक अब्शॉर्बर सस्पेंशन देता है।

5. आसान ऑनरशिप


2 लाख रूपए से भी कम कीमत में आने की वजह से भारत में थ्री व्हीलर कार्गो व्हीकल्स सबसे सस्ते और समय पर सामान पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्टेशन के तौर पर आते हैं। ज्यादा दिनों की इंजन लाइफ, ज्यादा चक्कर लगाने की क्षमता तथा कम मेंटिनेंस कोस्ट की चेलत ये व्हीकल्स कस्टमर्स के लिए ग्रामीण तथा सेमी अरबन इलाकों में एक आसान और चाही गई पसंद के रूप में आते हैं।

लेटेस्ट मॉडल्स

  • ट्रक्स्
  • पिकअप ट्रक्स्
  • मिनी-ट्रक्स्
  • टिप्पर्स
  • 3 व्हीलर
  • ऑटो रिक्शा
*एक्स-शोरूम कीमत

पॉपुलर मॉडल्स

  • ट्रक्स्
  • पिकअप ट्रक्स्
  • मिनी-ट्रक्स्
  • टिप्पर्स
  • ट्रेलर्स
  • 3 व्हीलर
  • ट्रांजिट मिक्सचर
  • ऑटो रिक्शा
*एक्स-शोरूम कीमत
×
आपका शहर कौन सा है?