भारतीय एलसीवी मार्केट दो साल की मंदी से उभरा
Published On Apr 23, 2016
भारतीय लाइट वेट कमर्शियल व्हीकल मार्केट दो साल की मंदी से उभरते हुए अपनी रिकवरी के पथ पर है। हालांकि इस रिकवरी की दर धीमी है, इस साल अंत तक यह रफ्तार पकड़ सकती है। पिछले एक साल के दौरान सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में किया गया निवेश इतिहास में सबसे बड़ा है। पूरे देश में ई-रिटेलिंग बिजनेस में इंप्रूवमेंट के साथ आने वाला सकारात्मक मानसून सीजन एलसीवी सेगमेंट में एक बार फिर से रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं।
इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार सामान्य मानूसन सीजन खरीफ की फसल के दौरान एग्रीकल्चरल भाड़े को बढ़ाने में सहायता करेगा। इस की वजह से इस साल अंत तक एलसीवी मार्केट रफ्तार पकड़ेगा। पिछले दो सालों के दौरान कम मांग, सामान्य से कम मानसून तथा गिरती हुई ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वजह से भारत में एलसीवी मार्केट ने नकारात्मक ग्रोथ का सामना किया। दूसरे हाथ भारतीय एम एंड एचसीवी सेगमेंट पिछले डेढ साल से सामान्य वृद्धि हासिल कर रहा है।
भारत में एलसीवी सेगमेंट ने साल 2014 में 17 फीसदी की जबरदस्त गिरावट दर्ज की, जबकि साल 2015 में यह 11 फीसदी रही। हालांकि साल 2016 में इस इंडस्ट्री ने फाइनेंशियल ईयर 2015 में बिकी 383,193 यूनिट्स की तुलना में 383,31 यूनिट्स की बिक्री के साथ 0.30 फीसदी की आंशिक वृद्धि दर्ज की।
इस इंडस्ट्री के प्रमुख कमर्शियल व्हीकल मेकर्स में शामिल टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड तथा वीई कमर्शियल व्हीकल्स ने साल 2015-16 में हेवी ड्यूटी ट्रक सेगमेंट में साल दर साल की तुलना में वृद्धि दर्ज की। जबकि 2 टन की क्षमता वाले मिनि ट्रक सेगमेंट में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने नया मिनी ट्रक महिंद्रा जीतो लॉन्च करते हुए अच्छी ग्रोथ दर्ज की। महिन्द्रा ने स्मॉल ट्रक्स की 27,843 यूनिट्स की बिक्री करते हुए 82 फीसदी ग्रोथ दर्ज की। जबकि महिन्द्रा जीतो के शेयर की तुलना में टाटा मोटर्स ने 2 टन की क्षमता वाले सेगमेंट में 10 फीसदी का मार्केट शेयर खोया।