कमर्शियल व्हीक्ल्स के लिए सरकार जारी करेगी फ़्यूल एफीशियेन्सी नियमों का मसौदा
Published On Jan 17, 2017
देश में बीएस 4 (भारत स्टेज 4) उत्सर्जन नियमों को लागू करने की समयसीमा, जो की 1 अप्रैल 2017 है, को ज़्यादा दूर नहीं माना जा सकता है। और इस सिलसिले में सरकार व्हीक्ल्स में ज़्यादा से ज़्यादा फ़्यूल एफीशियेन्सी को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस के अंतर्गत, हेवी ड्यूटी व्हीक्ल्स के लिए वह फ़्यूल एफीशियेन्सी नियमों का मसौदा जल्द जारी करने के लिए भावी कदम उठा रही है। इस बात की घोषणा नई दिल्ली में पेट्रोलियम और नॅचुरल गैस राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 'सक्षम 2017' के उद्घाटन समारोह के दौरान की। सक्षम 2017 सिरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में फ़्यूल कंज़र्वेशन (ईंधन संरक्षण) को लेकर महीने भर चलने वाला जागरूकता अभियान है।
इस मसौदे के मानदंडों को 1 अप्रैल 2017 को जारी किया जाएगा, और उसी दिन बीएस 4 नियमों को भी अमल में लाया जाएगा। साथ ही पहली अप्रैल से ही देश भर में बीएस 4 फ़्यूल भी उपलब्ध कराया जाएगा। उद्घाटन समारोह में माननीय मंत्री ने फ़्यूल संरक्षण को लेकर बहुत से सुझावों और तरकीबों के बारे में समझाया। उन्होंने मोटर साइकल व कार चालकों से फ़्यूल कंज़र्वेशन की ओर कदम बढ़ाने और एनर्जी को प्रभावी रूप से बचाने का अनुरोध किया। श्री प्रधान ने आगे बताया की यदि देश की सड़कों पर चल रहे टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स ट्रेफिक सिग्नल्स पर अपना इंजन बंद कर दें, तो इस से दो प्रतिशत फ़्यूल की बड़ी बचत होगी, यानी अंदाज़न 14000 करोड़ रुपये की विशाल बचत।
सक्षम 2017 (संरक्षण क्षमता महोत्सव 2017), पेट्रोलियम कंज़र्वेशन रिसर्च असोसियेशन (पीसीआरए) व अन्य ओइल व गैस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (पीएसयू) द्वारा आयोजित किया गया। जिस का मक़सद आम जनता के बीच पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के संरक्षण व उस के सही ढंग से इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाना है। यह इवेंट संयुक्त रूप से सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा देता है व साथ ही एनर्जी एफीशियेंट एप्लिकेशन्स के इस्तेमाल पर ज़ोर देते हुए स्वच्छ ईंधन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। महीने भर चलने वाली इस अभियान में कमर्शियल व्हीकल ड्राइवर्स के लिए बहुत वर्क शॉप्स का आयोजन किया जाएगा, और साथ ही बहुत से ऐसे प्रोग्राम्स का संचालन भी किया जाएगा जिस के ज़रिये आमजन में फ़्यूल सेविंग (ईंधन बचत) को लेकर व्यवहार में बदलाव लाया जा सके।