गिरती ट्रक सेल्स से इन्वेस्टर्स चिंतित, एक्सपर्ट्स का भरोसा कायम
Published On Sep 08, 2016
ट्रक्स की घटती सेल्स के कारण ट्रकिंग इंडस्ट्री पर मंदी का साया मंडराने लगा है। वित्तीय वर्ष के शुरू में अच्छी शुरुआत के बाद सेल्स में पहली तिमाही के समाप्त होते-होते गिरावट देखी गयी, जो की जुलाइ 2016 में 7.6 प्रतिशत दर्ज की गयी। इस ने सेगमेंट में ना केवल इन्वेस्टर्स (निवेशकों) को परेशानी में डाल दिया है बल्कि, कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री में आर्थिक रिकवरी को असमंजस में डाल दिया है।
दो अग्रीण कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स, टाटा मोटर्स और अशोक लीलेंड ने मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल (एम एंड एचसीवी) सेगमेंट में भारी गिरावट के संकेत दिए हैं। इस संकट की शुरुआत मई 2016 से ही प्रारंभ हो गयी थी जब टाटा मोटर्स की सेल्स घटना शुरू हो गयी थी। अगस्त माह में साल दर साल के आधार पर टाटा मोटर्स व अशोक लीलेंड ने क्रमश: 17 प्रतिशत और 7.9 प्रतिशत की सेल्स गिरावट रिजिस्टर की।
यह गिरावट करीब दो साल की मंदी के बाद आई तेज़ी के बाद आई है, और जिसने आर्थिक रिकवरी के भविष्य पर एक बार फिर से सवालिया निशान लगा दिया है। एक्सपर्ट्स (विशेषाग्यों) की राय में यह ग्रोथ रीप्लेस्मेंट डिमांड के चलते देखी गयी थी, जो की चार साल के सेल्स सूखे के बाद आई थी।
जैसे की अर्थव्यवस्था के विकास का एक बहुत बड़ा हिस्सा सीधा ऑटोमोबाइल सेगमेंट से जुड़ा है, इस तरह एम एंड एचसीवी सेक्टर में गिरावट ने इकॉनॉमिक रिकवरी को एक बार फिर कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। और साथ ही कन्स्ट्रक्षन और माइनिंग के सेगमेंट्स जो की सीधे कमर्शियल व्हीक्ल्स से जुड़े हैं, उन्होंने अभी तक पूरी तरह वापसी नहीं की है। व इस सेक्टर में निवेश ने अच्छी रफ़्तार नहीं पकड़ी है, जिसके द्वारा डिमांड को बढ़ावा मिलता। इस के अतिरिक्त, डीज़ल की कीमतों में पिछले महीने दो बार कमी आने के बावजूद, ट्रक रेंटल्स में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। साथ ही, मान्सून में तेज़ बरसात ने भी गूड्स के मूव्मेंट में बढ़ा दर्शाई है जिसका नुकसान ट्रक रेंटल्स की डिमांड को भुगतना पड़ा है।
लेकिन फिर भी, एक्सपर्ट्स मान्सून के बाद कन्ज़्यूमर गूड्स की बढ़ती डिमांड और भारत स्टेज 4 (बीएस 4) एमिशन नॉर्म्स के लागू होने के उपलक्ष उत्पन्न होने वाली डिमांड को लेकर सकारात्मक रवैया रखते हैं। और साथ ही उम्मीद यह भी है की फ्लीट ओनर्स आने वाले त्योहार के मौके का इंतेज़ार कर रहे हैं नये व्हीक्ल्स खरीदने के लिए। यह सभी अनुमान आइसीआरए (इंडियन क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी) द्वारा जारी किए गये हैं, जिस में कहा गया है की वित्तीय वर्ष 2017 की दूसरी छेमाही में कमर्शियल व्हीक्ल्स की सेल्स में, दिए गये तर्कों के कारण, उछाल देखने को मिलेगा।