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सब कुछ जो आप टाटा 407 ट्रक के बारे में जानना चाहते हैं

Published On Jan 11, 2017By Mukul Yudhveer Singh

आज देश में जब भी ट्रक्स को लेकर चर्चा की जाती तो एक नाम ऐसा है जिस के बिना बातचीत पूरी नहीं हो सकती। और वह नाम है टाटा 407 ट्रक का, जो की पिछले तीन दशकों से भारत के ट्रकर्स का मान बढ़ा रहा है। हालाँकि, आज इस ट्रक को देश में लॉंच हुए 30 साल का समय गुज़र चुके हैं परंतु, आज भी इस की लोकप्रियता में कमी आना तो दूर यह हर साल नई बुलंदियों को छूता दिखाई दे रहा है। इस ट्रक ने ट्रांसपोर्टेर्स से लेकर एक्सपर्ट्स और फ्लीट ओनर्स से लेकर व्यक्तिगत ट्रक मालिकों तक, हर एक को प्रभावित किए बिना नहीं छोड़ा है। टाटा 407 ट्रक के लिए यह कहना ग़लत नहीं होगा की यह देश का सबसे ज़्यादा बिकने वाला ट्रक है।

टाटा 407 कॉम्पीटिशन

वैसे देखा जाए तो ऐसे बहुत से कारण हैं जो इस ट्रक को सब का चहिता और ख़ास बनाते हैं, लेकिन कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में यह मॉडल की तरह ऐसी अपार सफलता प्राप्त कर पाया? और वह क्या कारण हैं जिन्होंने टाटा 407 को 30 साल का लंबा अरसा गुज़र जाने के बाद भी ज़िंदा और तंदुरुस्त रखा हुआ है, खास तौर से ऐसे देश में जहाँ कंज़्यूमर्स श्रेष्ठ प्रॉडक्ट से संतुष्ट ना होकर उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ प्रॉडक्ट को ज़्यादा महत्त्व देते हैं।

ऐसा कहना बिल्कुल ग़लत होगा की इस ट्रक ने अपने 30 साल के समय में कोई कॉम्पीटिशन नहीं देखा। लेकिन हाँ, टाटा के अलावा अन्य कमर्शियल व्हीकल ब्रांड्स ऐसा कोई व्हीकल मैदान में उतार नहीं पाए जो की टाटा 407 से सीधे टक्कर ले सके। हालाँकि, देखा जाए तो महिंद्रा डीआई 3200, आयशर प्रो 1049 सीरीज़ व कुछ और अन्य ट्रक्स को टाटा के ट्रक के सामने उतारा तो गया है परंतु, इन को कोई ख़ास सफलता हाथ नहीं लगी। और दूसरी ओर टाटा 407 साल दर साल बेहतर से बेहतर सेल्स आँकड़े दर्ज करने में कामयाब रहा।


टाटा 407 कंपनी द्वारा छः वेरियंट्स में उतारा जाता है, जिस में 2000 किलो ग्राम से लेकर 5000 किलो ग्राम तक की अलग अलग पे लोड केपॅसिटीस उपलब्ध कराई जाती हैं। इन छः वेरियंट्स में से सबसे कम पे लोड प्रदान करने वाला टाटा 407 पिक अप एक्स सबसे ज़्यादा बिकने वाले ट्रक की गिनती में आता है। गौरतलब है की, महिंद्रा बोलेरो पिक अप वेरियंट्स जिन की पे लोड केपॅसिटीस 1000 किलो ग्राम से 2000 किलो ग्राम तक रहती है तेज़ी से बिकने वाले पिक अप्स में से एक हैं।

देखा जाए तो टाटा 407 पिक अप एक्स और महिंद्रा बोलेरो पिक अप का सीधे सीधे कोई मुक़ाबले नहीं है लेकिन फिर भी यह दोनों देश के सबसे ज़्यादा सर्च किए जाने वाले कमर्शियल व्हीक्ल्स में से एक हैं। और इस के साथ ही यह कहना भी ग़लत नहीं होगा की यह दोनों व्हीक्ल्स मार्केट में एक दूसरे को कड़ी टक्कर देते दिखाई देते हैं। महिंद्रा ने अपने बिग बोलेरो पिक अप लॉंच के साथ 1500 किलो ग्राम की पे लोड केपॅसिटी प्रदान कर के टाटा 407 को कुछ कठिनाई देने की कोशिश ज़रूर की है। अशोक लीलेंड ने टाटा 407 ट्रक वेरियंट्स के खिलाफ अपनी प्रतिस्पर्धा को गर्म करते हुए 'गुरु' ट्रक बाज़ार में उतारा है। लेकिन फिर भी लगता है की टाटा 407 एक्स अपने अन्य वेरियंट्स के साथ निकट भविष्य में भी भारत की सड़कों पर राज करता नज़र आएगा।

टाटा 407 की सादगी


जोहर ऑटोमोबाइल्स, जो की टाटा कमर्शियल व्हीक्ल्स की एक डीलरशिप है, के श्री सी एस जोहर इस ट्रक में छिपे हुए आकर्षक तथ्यों को समझाते हुए बताते हैं की, "टाटा मोटर्स ने इस के डिज़ाइन को जितना हो सका सिंपल रखने की कोशिश की है। इस ट्रक में तामझाम या फेंसी जैसा कुछ भी नहीं है और यह ही 407 ट्रक को अपने सेगमेंट का बेताज बादशाह बनाते हैं।" सादगी व स्पष्ता को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा की, "आप को टाटा 407 ट्रक के वेरियंट्स में ज़्यादा फाइबर देखने को नहीं मिलेगा, शायद टाटा यह बात अच्छी तरह से समझते हैं की इस से बार बार टूट-फूट होने पर रिपयेर कराने में ओनर का खर्चा बढ़ेगा, इसलिए इस की बॉडी में ज़्यादा से ज़्यादा ठोस मेटल का इस्तेमाल किया गया है।"

श्री जोहर ने शानदार तरीके व खुले दिल से ट्रक की सभी बातें के बारे में समझाया है। और देखा जाए तो यह सही भी है, क्योंकि अगर व्हीकल का कहीं एक्सीडेंट हो जाता है, तो इस की रिपयेर करना आसान होने के साथ साथ जेब पर भी हल्का साबित होगा और वह इसलिए की आप को सिर्फ़ मेटल शीट्स को आकार में लाना होगा। परंतु, इस की जगह यदि फाइबर फ्रेम होगा तो निश्चित रूप से वो टूटेगा और उस को नये फ्रेम के साथ बदलने के अलावा कोई चारा नहीं होगा जो ज़रूर आप को महँगा पड़ेगा।

इसी तरह और भी कई सारे कारण हैं जो की टाटा 407 ट्रक को भारतीय मार्केट का सबसे पुराना और सबसे ज़्यादा बिकने वाला ट्रक बनाते है। देखने में तो यह सभी कारण साधारण ही लगते हैं, परंतु ध्यान से देखने पर मालूम पड़ता है की टाटा मोटर्स द्वारा इन तीस सालों में इस को कितना सिंपल और कितना कारगर बनाया गया है। पिछले तीन दशकों में टाटा ने 407 ट्रक का कई बार फेसलिफ्ट किया है, इस की टेक्नोलॉजी को बहुत बार अपग्रेड किया गया है लेकिन फिर भी टाटा की अपने 407 ट्रक के प्रति निष्ठा बिल्कुल सटीक रही है। तो आइए देखते हैं वह तीन बहुमूल्य कारण जो की टाटा 407 सीरीज़ को भारत में अपराजेय बनाते हैं।

लो मेंटेनेंस


टाटा 407 एक ऐसा ट्रक है जिस को कम लागत में भी मेनटेन किया जा सकता है। इस में 20,000 किलो मीटर का सर्विस इंटरवल दिया गया है जो की किसी भी अन्य ट्रक के मुक़ाबले शानदार है। यदि थोड़ी गणित लगाकर देखा जाए तो अगर यह ट्रक प्रति दिन 100 किलो मीटर चलता है तो इस को 200 दिन या करीब सात महीने लगेंगे सर्विस की सीमा तक पहुँचने में। यह एक ऐसी विशेषता है जिस की चाहत बहुत से फ्लीट ओनर्स और ट्रक मालिक अपने कमर्शियल व्हीक्ल्स में करते हैं, और टाटा 407 बिल्कुल वही प्रदान करता है।

एक और फ़ायदेमंदा बात टाटा 407 के साथ यह है की इस को सर्विस करने में एक दिन से ज़्यादा का समय नहीं लगता, जिस से मेंटनेन्स कॉस्ट और डाउन टाइम को कम रखने में ख़ासी मदद मिलती है। यह फीचर एक तरह से टाटा 407 के ताज में एक और कीमती मोती के समान है जिस ने टाटा मोटर्स के कस्टमर्स को 407 के प्रति एक अटूट रिश्ता बनाने में मदद की है।

सिंपल डिज़ाइन

जैसा की पहले हम देख चुके हैं की श्री सी एस जोहर ने टाटा 407 के सिंपल और सुविधाजनक होने की बात को रेखांकित किया है। टाटा मोटर्स ने अपने इस ट्रक को किसी भी तरह के तामझाम से दूर रखा है। ट्रक की बाहरी बॉडी में ज़्यादा से ज़्यादा मेटल का प्रयोग किया गया है, ना की प्लास्टिक या फाइबर का। साथ ही अंदर ड्राइवर कॉन्सोल भी डिजिटल नहीं दिया गया है। हो सकता है इस तरह की चीज़ें किसी कार प्रेमी को ना भाएँ व अटपटी लगें परंतु, कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में कुछ ऐसा ही चलता है।

डिज़ाइन में सादगी और सटीकपन के साथ ट्रक को किसी भी तरह की फेंसी चीज़ों से न लैस करना, सीधे तौर पर ट्रक मालिक के लिए लो मेंटनेन्स कारक साबित होता है, ख़ासकर किसी एक्सीडेंट या इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट होने के समय में। बिल्कुल उसी तरह कौन चाहेगा की किसी छोटी-मोटी इलेक्ट्रिकल समस्या के लिए ड्राइव मीटर इन्फर्मेशन डिसप्ले कॉन्सोल को बदलवाने में पैसा खर्च किया जाए, जब की इस को आराम से मुनासिब कीमत पर ठीक किया जा सकता हो। यह एक और कारण है कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में टाटा 407 के सूपर डूपर हिट होने का।

माइलेज और पेलोड

अब जिस बात की जानकारी आप को दी जाएगी उस के लिए दिल थाम के बैठने की ज़रूरत है। बात यह है की टाटा 407 पिक अप एक्स अपने डीज़ल इंजन से 8 से 10 किलो मीटर प्रति लीटर के बीच माइलेज प्रदान करता है, इस को सुनकर आप जोश में खुशी से उछल मत पड़ना, क्योंकि यही सच्चाई है। ट्रक के लिए ऐसा माइलेज बहुत हद तक अधभूत है। क्योंकि इस में माइलेज के अतिरिक्त 2000 से 3000 किलोग्राम के बीच की पेलोड केपॅसिटी भी है। इस तरह आप के पास एक ऐसा परफ़ेक्ट ट्रक है जो की इंटर सिटी और इंट्रा स्टेट ट्रांसपोर्टेशन ज़रूरतों को पूरा करता है।

शानदार माइलेज और जानदार पेलोड केपॅसिटी टाटा 407 को आज मार्केट में एक सर्वगुणसंपन्न प्रॉडक्ट के तौर पर स्थापित करते हैं।

भारत के ट्रक मॅन्यूफॅक्चरर्स के लिए संदेश

जैसा की हम ने पहले कहा की देश में कोई भी ऐसा कमर्शियल व्हीकल मेकर नहीं है जो की अपने ट्रक के साथ इस केटेगरी टाटा 407 की श्रेष्ठता प्रदान कर सके। ट्रक्स को झालरों व अन्य तामझामों से लैस रखना और उन को वास्तविकता से दूर रखना एक ऐसा भूल है जो की टाटा 407 के हर एक प्रतिद्वंदी ने की है, और बार बार की है। और जब तक कोई ट्रक मॅन्युफॅक्चरर 407 से मुक़ाबला करने के लिए वास्तविकता के साथ सीधा सरल और लाभकारी डिज़ाइन लेकर मार्केट में उतरने की नहीं सोचता, तब तक हो सकता है की टाटा 407 आने वाले 30 सालों तक लगातार इसी तरह राज करे।

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