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आयशर मोटर्स की एक दिलचस्प सोशल मीडीया कहानी

Published On Dec 19, 2016By Mukul Yudhveer Singh

इस साल वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीक्ल्स (वीईसीवी) द्वारा रिकॉर्ड की गयी कुछ महीनों की सेल्स ग्रोथ आश्चर्यचकित कर देने वाली रही हैं, जिन में फ़रवरी 2016 में 57.25 प्रतिशत, अप्रैल 2016 में 36.2 प्रतिशत और मई 2016 में 43 प्रतिशत की सेल्स ग्रोथ का ख़ास स्थान रहा। यह शानदार कहानी किसी कल्पना से कम नहीं है। और जहाँ तक सवाल है देश की कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री का तो किसी भी ब्रांड को तब तक योग्य नहीं माना जाता जब तक उसके ग्रोथ आँकड़े खुद उसकी गवाही ना दें।

परंतु, देश की कमर्शियल व्हीकल सेक्टर में यह कर पाना उतना आसान नहीं है। यहाँ कस्टमर्स को बेहतर प्रॉडक्ट चाहिए, आपका ध्यान चाहिए और साथ ही वह आप को किसी भी छोटी से छोटी ग़लती के लिए भी माफ़ नहीं करेगा। इतिहास गवाह है की भारत में ऐसे अनगिनत ऑटो मेकर्स मौजूद हैं, जो इतनी जल्दी अर्श से फर्श पर पहुँचे हैं की इस का गुमान किसी ने भी नही किया होगा। और दूसरी तरफ ऐसी मिसालें भी मौजूद है जो की अपनी ही असफलताओं से सीखकर आगे बढ़े हैं और आज कामयाबी उनके कदम चूम रही है।

और यहाँ आयशर ने निश्चित रूप से अपना नाम बाद वाली श्रेणी में दर्ज किया हुआ है। वोल्वो से हाथ मिलाने के बाद से यह ग्रूप धीरे धीरे कन्स्यूमर्स को अपने जॉइंट वेंचर द्वारा निर्मित व्हीक्ल्स लेने पर विवश कर रहा है।


जब से श्री सिद्धार्थ लाल ने आयशर ग्रूप में चीफ एग्ज़िक्युटिव ऑफीसर (सीईओ) और मेनेजिंग डाइरेक्टर (एमडी) का पद संभाला है तब से कंपनी में एक अलग ही चमक दिखाई दे रही है. और यह आकर्षक बदलाव केवल ट्रक्स, बसेस जैसे कमर्शियल व्हीक्ल्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन के टू व्हीलर ब्रांड रॉयल एनफील्ड में भी इस की दमक देखने को मिल रही है। वोल्वो और आयशर के बीच टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अब इस नये बेनर के द्वारा मॅन्यूफॅक्चर हो रहे व्हीक्ल्स विश्वस्तरीय क्षमताओं से भी लैस हैं, और साथ ही साथ यह दाम में भी किफायती साबित हो रहे हैं।

एक कड़वा सच जिस ने पूरी दुनिया के मार्केट को घेर रखा है वह यह है की, "चाहे आप का प्रॉडक्ट कितना ही बढ़िया क्यों ना हो, यदि उस को सही ढंग से मार्केट नहीं किया गया तो आप उस का असल मूल्य नहीं ले पाएँगे।" अपनी प्रॉडक्ट रेंज में सुधार करने के अलावा आयशर धीरे धीरे अपने सोशल मीडीया स्पेस में भी दक्षता हासिल करता जा रहा है। इस में कोई शक नहीं है की, आयशर द्वारा उस के सोशल मीडीया अकाउंट्स के प्रति थोड़ी और मेहनत उस को देश के कई जाने माने कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स से आगे ले जा सकती है।

जिस सफ़र की शुरुआत भारत की आयशर और स्वीडन स्थित वोल्वो ने साथ मिलकर की थी उस ने अब तक दोनों ही खेमों में खुशियाँ भरीं हैं। तो चलिए देखते हैं की किन अलग अलग तरीकों से वीईसीवी ने अपने प्रॉडक्ट्स को सोशल मीडीया पर, ख़ासकर फेस बुक पर, पेश किया है।

दिनांक - 3 फ़रवरी 2016

ऑटो एक्स्पो 2016, दिल्ली

ऑटो एक्स्पो की बहुत सी पोस्ट्स आई हुईं हैं

प्रति दिन की कुल प्रतिक्रियाएँ - 2806+117+123


ऑटो एक्स्पो देश के सभी कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स के लिए सबसे बड़े इवेंट्स में से एक होता है। यह प्लेटफॉर्म उन को मौका देता है अपने कन्स्यूमर्स को उन के मौजूदा और आने वाले प्रॉडक्ट्स व टेक्नोलॉजी से अवगत कराने का। इस से कमर्शियल व्हीकल मकर्स को कन्स्यूमर्स की किसी ख़ास डिमंड्स का भी अंदाज़ा साफ तौर से लग जाता है।

वीईसीवी ने ख़ास इन पोस्ट्स में दिल्ली में चल रहे ऑटो एक्स्पो 2016 के ज़रिए अपने प्रॉडक्ट्स और फ्लीट मेनेजमेंट टेक्नोलॉजी को लोगों के सामने पेश किया है। भारत के इस ऑटो मेकर ने अपने फेस बुक हेंडल पर एक ही दिन में कई पोस्ट्स को अपडेट किया है और साथ ही ऑटो एक्स्पो के लिए खास तौर से डिज़ाइन किए गये 'आयशर स्टॉल' का पहला लुक भी जारी किया है। यह एक लाजवाब पोस्ट थी, और अपने स्टॉल नंबर को सार्वजानिक करने का इस से अच्छा तरीका और क्या हो सकता है।

दिनांक - 26 अगस्त, 2016

बीएस 4 कंप्लाइयेंट रेंज के कन्स्ट्रक्षन टिपपर्स

कई पोस्ट्स + वीडीयो (एक ही दिन में)

कुल प्रतिक्रियाएँ - 124+11+106+61+499


यह एक आश्चर्याचकित कर देने वाली पोस्ट थी आयशर की ओर से। इस में बहुत सी पोस्ट्स थीं, और साथ ही एक वीडीयो भी था जिस ने अन्य सभी पोस्ट्स छक्के छुड़ा दिए।

वीडीयो वाली पोस्ट का असल मकसद जल्द ही लॉंच होने वाली कन्स्ट्रक्षन टिपपर्स की भारत स्टेज 4 (बीएस 4) कंप्लाइयेंट रेंज का परिचय कराना था। हालाँकि, इस पोस्ट पर प्रतिक्रियाएँ तो कुछ ख़ास नहीं आईं परंतु उस वीडीयो का बहुत बार देखा जाना अपने आप में एक अलग ही कहानी बयान करता है। सुनकर हैरानी होगी की इस वीडीयो को 6900 बार से भी ज़्यादा बार देखा गया, जो इस बात का पुख़्ता प्रमाण है की कन्स्यूमर्स आयशर के प्रॉडक्ट्स में कितनी दिलचस्पी ले रहे हैं।

दिनांक - 26 नवंबर, 2015

एक्सकॉन और आयशर हेवी ट्रक्स

दिन में कई पोस्ट्स

कुल प्रतिक्रियाएँ - 103+19+186+189


ट्रक्स और कन्स्ट्रक्षन इंडस्ट्री का साथ चोली दामन का होता है। इन पोस्ट्स ने आयशर के एक्सकॉन में भागीदारी के संकेत दिए। एक्सकॉन, एक ऐसा ट्रेड फेयर है जो की देश में कन्स्ट्रक्षन इंडस्ट्री और उस से संबंधित काम में आने वाले एक्विपमेंट्स के इर्द गिर्द घूमता है।

आयशर ने देश में मौजूद अपने हेवी रेंज के टिपपर्स के बारे में जानकारी साझा की। इस तरह के महत्त्वपूर्ण और बड़े इवेंट का हिस्सा बनना व साथ ही उस में अपने प्रॉडक्ट्स की उपस्थिति दर्ज कराते हुए आयशर ने यह एक् बार फिर साबित कर दिया है की सोशल मीडीया और मार्केटिंग रणनीतियों की जब बात आती है तो इस में भी वह किसी से कम नहीं है। और साथ ही एक्सकॉन जैसे इवेंट, जिस में केवल मुट्ठी भर कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स ही प्रतिभागी बनते हैं, का हिस्सा बनना आप को एक अलग ही मकाम पर ले जाता है जिस के फ़ायदे अनगिनत हैं।

दिनांक- 18 मई, 2016

वीडीयो आयशर प्रो 1049

16 हज़ार लोगों ने देखा

प्रतिक्रियाएँ - 278


आयशर ने एक बार फिर से एक वीडीयो पोस्ट किया जिस का मुख्य आकर्षण था सोशल मीडीया पर प्रो 1049 की ख़ासियतों का ब्योरा। फेस बुक पर इस वीडीयो को 16000 से भी ज़्यादा बार देखा गया लेकिन प्रतिक्रियाओं का आँकड़ा केवल 278 ही रहा। एक और नोट करने योग्य दिलचस्प बात यह है की जो ट्रक वीडीयो मे दिखाया गया है वह आयशर मोटर्स का बेस्ट सेल्लिंग कमर्शियल व्हीकल है। ट्रक्स देखो द्वारा बनाए गये इस वीडीयो में इस ट्रक के सेगमेंट और इस में मौजूद खूबियों के बारे में बताया गया है। श्री श्याम मल्लर, जो की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हैं वीई कमर्शियल व्हीक्ल्स के, ने इस के लिए 'लास्ट माइल कनेक्टिविटी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर के सेगमेंट में इस की पोज़िशन पर मुहर लगा दी।

दिनांक - 23 अगस्त, 2016

पोस्ट - आयशर कन्स्ट्रक्षन टिपपर्स

प्रतिक्रियाएँ - 260


इस पोस्ट का सीधा निशाना देश का कन्स्ट्रक्षन सेगमेंट था। पोस्ट में कहा गया है की 'अपने कन्स्ट्रक्षन बिज़नेस में बदलाव लाने के लिए तैयार हो जाइए, अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें'। इस तरह कन्स्ट्रक्षन इंडस्ट्री के कस्टमर के सामने बिना किसी 'किंतु, परंतु' के सीधे अपनी बात रखी।

इस पोस्ट के साथ आयशर ने स्पष्ट रूप से अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए, और साथ ही यह भी बता दिया की वह किसी भी प्रकार के कॉंपिटेशन से पीछे नहीं हटेगा। इस से सीधे तौर पर यह पता चलता है की कमर्शियल व्हीकल ब्रांड किसी भी सेगमेंट के कॉंपिटेशन के आगे घुटने नहीं टेकेगा और साथ ही ऐसे साहसी प्रॉडक्ट्स लेकर आएगा जिन का मुक़ाबला देश के मुख्य कमर्शियल व्हीकल प्लेयर्स के साथ होगा।

निष्कर्ष

सिद्धार्थ लाल की कोशिशें और कंपनी का वोल्वो के साथ सहयोग, दोनों मिलकर इस भारतीय कमर्शियल व्हीकल मेकर के लिए शानदार अवसर पैदा कर रहे हैं। कंपनी की सेल्स में तेज़ी से इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है और अब वो दिन दूर नहीं जब वीईसीवी का भी शुमार भारतीय कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री के चन्द चोटी के टॉप प्लेयर्स में किया जाएगा।

(हम आभारी हैं रॉबिनदर गाउबा, बिज़नेस हेड, ट्रक्सदेखो.कॉम के, जो की भूतपूर्व डेटा साइंटिस्ट, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, यूएसए, भी हैं, जिन्होंने इस सोशल मीडीया डेटा को कॉन्सेप्च्वलाइज़ किया व स्टॅटिस्टिकली एनलाइज़ करते हुए इंटरप्रेट किया।)

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