चाइना में ड्राइवरलेस ट्रक्स का परीक्षण बिना सुरक्षा नियमों के हो रहा है
Published On Dec 07, 2016
आज कल ड्राइवरलेस टेक्नॉलॉजी का बुखार तेज़ी से फैल रहा है। हर ऑटो मॅन्युफॅक्चरर अपनी ओर से बेहतर कोशिश कर रहा है इस टेक्नॉलॉजी को सफलतापूर्वक ढंग से अपने व्हीक्ल्स रेंज में डालने की। कॉंपिटेशन इतना बढ़ चुका है की एक दूसरे से आगे निकालने की होड़ में कुछ कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स ने चाइना में सुरक्षा नियमों के आभाव का फ़ायदा उठाते हुए इस टेक्नॉलॉजी की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
दुनिया भर में कई कंपनीज़ हैं जैसे गूगल, उबर, ओट्टो, वोल्वो, डेमलर जो की हाल फिलहाल ड्राइवरलेस प्रॉजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। लेकिन इन सभी कंपनीज़ व उनके चाइनीज़ राइवल्स के बीच फ़र्क यह है की ड्राइवरलेस ट्रक्स को चाइना में टेस्टिंग करने के लिए जिन क़ानूनों और विधानों की ज़रूरत है उनका अभाव है। युनाइटेड स्टेट्स (अमेरिका) में इस तरह के परीक्षण करने के लिए अलग से कॉरिडोर बनाया गया है। दूसरी तरफ चाइना, अभी तक ऐसी कोई भी पॉलिसी नहीं लेकर आया है जिस से देश में तरह के परीक्षणों पर रोक लगे या फिर क़ानूनों और विधानों के दायरे में परीक्षण किए जाएँ, यह तब हो रहा है जब कई कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स ने खुले आम इस तरह के परीक्षण करने की बात कही है।
हाल ही में बैदू नामक एक चाइनीज़ वेब सर्वीसज़ कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर चाइना में एक सेल्फ़ ड्राइविंग दिखाया, जिस को फ़ोटॉन के सहयोग से तैयार किया गया था। चाइना में करीब 7 मिलियन ट्रक्स हैं और 16 मिलियन ट्रक ड्राइवर्स कार्यरत हैं देश में।
चाइना के कई अन्य ट्रक मेकर्स इस तरह के परीक्षण ना सिर्फ़ जल्द करने वाले हैं बल्कि, वह इस बात से आश्वस्त हैं की चाइना सरकार केवल उसी तरह से नियम लागू करेगी जो की चाइना की ऑटो इंडस्ट्री के लिए लाभदायक होंगे।
कई ऑटो दिग्गज चाइना में अपने ड्राइवरलेस ऑपरेशन्स तेज़ी से कर रहे हैं, जिस से की ड्राइवर्स को ज़्यादा से ज़्यादा आराम करने का मौका मिले ताकि लंबे रास्तों की दूरी कम समय में तय की जा सके। साथ ही यह टेक्नॉलॉजी ट्रांसपोर्टेर्स का मुनाफ़ा बढ़ाने में भी मदद करेगी क्योंकि यहाँ लंबी दूरी वाले हॉलेज सेशन्स के दौरान ड्राइवर की भागीदारी भी काफ़ी हद तक कम होगी। लेकिन इस तरह की टेक्नॉलॉजी का बिना किसी रोकथाम के परीक्षण करना किसी बड़े और जानलेवा हादसे को दावत दे सकता है। आख़िरकार, हम सभी जानते हैं की ट्रक्स से किस तरह के ख़तरनाक एक्सीडेंट्स हो सकते हैं।