भारत बेंज़ ने पहली तिमाही में एम&एचसीवी सेगमेंट में 30% की वृद्धि दर्ज की
Published On Aug 01, 2016
विश्व की प्रमुख और विख्यात कमर्शियल व्हीकल मेकर, डेमलर, की भारतीय इकाई, भारत बेंज़ देश के कमर्शियल मार्केट में अपने बिज़नेस का विस्तार तेज़ी से कर रही है। उसके मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीक्ल्स (एम एंड एचसीवी), टाटा मोटर्स और अशोक लीलेंड ब्रेंड्स को पीछे छोड़ते हुए अब खरीदारों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। इस की सेल्स में बढ़त का मुख्य कारण बन रहा है, इसकी उँचे गियर्स में हाइ ग्रडेबिलिटी, लो मेंटेनेंस और ओवरॉल पावर पॅक्ड परफॉर्मेंस। हाल के फाइनेंशियल इयर 2016-17 की पहली तिमाही में एम एंड एचसीवी में 30 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ कंपनी ने दो अंकों की ज़बरदस्त बढ़त का परिचय दिया है।
पिछले फाइनेंशियल इयर की पहली तिमाही के मुक़ाबले, जिस में उसने 3000 यूनिट्स की सेल्स अर्जित की थी, कंपनी इस बार कुल 3900 यूनिट्स की सेल्स करने में कामयाब रही। हालाँकि, जनवरी से लेकर मार्च तिमाही तक उसने 4000 यूनिट्स की सेल्स दर्शाई थी। गत साल जर्मनी स्थित कंपनी का मार्केट शेयर 5.6 प्रतिशत था, जो की इस साल बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गया। गौरतलब है की यहाँ एम एंड एचसीवी सेगमेंट में इसकी सेल्स में करीब करीब 10,000 यूनिट्स का उछाल देखने को मिला है जून तिमाही के दौरान। इस प्रकार यहाँ सेल्स अंक 63,049 यूनिट्स रहे बीते वर्ष के 53,332 के मुक़ाबले इसी तिमाही के दौरान।
कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया की, "भारत बेंज़ में, दूसरी तिमाही में भी दो अंकों की बढ़त देखने को मिली है पिछले साल के दूसरी तिमाही के विपरीत। यहाँ इस सेल्स ग्रोथ के मुख्य संचालक रहे हैं हमारे नये ज़माने के मीडियम ड्यूटी ट्रक्स, जिनको हमने इस साल के शुरू में देश में लॉंच किया था, और साथ ही हेवी ड्यूटी कंस्ट्रक्शन व्हीक्ल्स, जिस में इंडिया के सबसे मज़बूत कंस्ट्रक्शन और माइनिंग ट्रक्स 3143 सीएम 430 एचपी के साथ शामिल हैं। मीडियम ड्यूटी हॉलेज और हेवी ड्यूटी कंस्ट्रक्शन व्हीक्ल्स के अलावा, हमारी सेल्स बढ़ने का एक मुख्य कारण ट्रॅक्टर्स की सेल्स भी रही है।"
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया की, "हमारा लक्ष्य अभी भी अपने बिज़नेस में सस्टेनएबल डेवेलपमेंट करने का है, जिस का उद्देश्य कस्टमर्स को उनके पैसों का इंडस्ट्री में सबसे बेहतरीन मूल्य प्रदान करने का है। जिस में डोमेस्टिक सेल्स और हमारे सेल्स और सर्विस नेटवर्क के विस्तार व साथ ही साथ हमारे दूसरे ब्रांड फूसो का एक्सपोर्ट की ग्रोथ भी शामिल है। फूसो के एक्सपोर्ट्स के लिए, हम साल 2016 में ही 10 अन्य मार्केट्स भी एड करने वाले हैं, जो की अफ्रीका, मिड्ल ईस्ट, एशिया और लेटिन अमेरिका में मौजूदा 20 से ज़्यादा मार्केट्स के अतिरिक्त होंगी।"