वीईसीवी की नये साल की खुशियों में लगी सेंध, दिसंबर सेल्स 20% गिरीं
Published On Jan 02, 2017
एक तरफ जहाँ दुनिया भर के लोग नये साल की खुशियाँ मनाने में जुटे हुए हैं और एक अच्छी शुरुआत की अपेक्षा कर रहे हैं, वहीं वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीक्ल्स (वीईसीवी) को दिसंबर सेल्स में 20 प्रतिशत गिरावट का झटका झेलना पड़ा है।
इंडो-स्वीडिश ब्रांड ने दिसंबर 2015 में कुल 5063 कमर्शियल व्हीकल यूनिट्स की सेल्स की थी, और साल 2016 में उसी समय के दौरान यह केवल 4048 यूनिट्स ही रहीं। 4048 यूनिट्स के इस सेल्स आँकड़े में 3946 आयशर कमर्शियल व्हीक्ल्स हैं जब की बाकी के 102 वोल्वो कमर्शियल व्हीक्ल्स हैं।
आयशर अपने तौर पर दिसंबर 2016 में बसेस की 3946 यूनिट्स की सेल्स करने मे सफल रहा, जबकि गत साल दिसंबर में वह 4946 बसेस सेल करने में कामयाब रहा था। कुल सेल्स में से आयशर दिसंबर 2016 में घरेलू बाज़ार में 3246 यूनिट्स की सेल्स की जबकि बाकी यूनिट्स उस ने विदेशी मार्केट में एक्सपोर्ट की। लेकिन फिर भी, इसके मुक़ाबले इस भारतीय कमर्शियल व्हीकल मेकर ने पिछले साल यानी 2015 में इसी समय के दौरान घरेलू बाज़ार में 4109 यूनिट्स की सेल्स अर्जित की थी। दूसरी तरफ़, वोल्वो ट्रक्स दिसंबर 2016 में केवल 102 ट्रक्स की ही सेल्स करने में सफल रहे, जबकि दिसंबर 2015 में कंपनी ने 117 ट्रक्स और बसेस की सेल्स अर्जित की थी।
सेल्स के इन आँकड़ों से वोल्वो और आयशर शायद बिल्कुल भी परेशान नहीं हो रहे होंगे, क्योंकि भारत के बहुत से कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरर्स ने देश में नोट बंदी के चलते अपनी सेल्स में गिरावट दर्ज की है। इस पतन के पीछे सबसे बड़ा कारण मार्केट में लोगों के पास केश का मौजूद नहीं होना है। परंतु, वहीं एक्सपोर्ट में दिसंबर 2015 के 837 यूनिट्स के मुक़ाबले दिसंबर 2016 में 700 यूनिट्स तक एक्सपोर्ट आँकड़ों का गिर जाना दोनों सहयोगियों (वोल्वो और आयशर) के लिए चिंता का विशय ज़रूर हो सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानी जाए तो आने वाले कुछ महीनों में कमर्शियल व्हीकल मार्केट जैसे ही नकदी आएगी तो केश फ्लो शुरू होगा और उस के साथ ही बाज़ार में सकारात्मकता भी लौट आएगी। जनवरी 2017 के मध्य के बाद से इस का असर शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि ज़्यादा से ज़्यादा ट्रांसपोर्टेर्स और ट्रकर्स 1 अप्रैल 2017 से पहले पहले बसेस और ट्रक्स खरीदने की कोशिश करेंगे। 1 अप्रैल के बाद से ट्रक्स में अनिवार्य एयर कंडीशनर और भारत स्टेज 4 नॉर्म्स लागू होंगे। इन दोनों ही अनिवार्य रेग्युलेशन्स के चलते ट्रक्स की कीमतों में इज़ाफ़ा होना तय है।