अशोक लीलेंड ने मारा बड़ा हाथ, तंज़ानिया से बड़ी डील साइन की
Published On Oct 21, 2016
ऐसे कई सारे तरीके हैं जिन से भारतीय ऑटोमोबाइल मॅन्युफॅक्चरर देश को गर्वित महसूस करवा सकते हैं और एक विदेशी सरकार की इंटरनॅशनल डील जिस का मूल्य 1140 करोड़ रुपये हो उन में से एक है। अशोक लीलेंड जो की भारतीय उपमहाद्वीप में ट्रक्स और बसेस मॅन्यूफॅक्चर करने के लिए मशहूर है, ने एक कांट्रॅक्ट अपने नाम कर लिया हैं जिस में वह तंज़ानिया सरकार को व्हीक्ल्स, उन के स्पायेर्स, एक्विपमेंट्स और जेन सेट्स को सप्लाइ करेगी। इन सप्लाइस का इस्तेमाल वर्क शॉप्स को डेवलप करने, ट्रैनिंग मॉड्यूल्स को तैयार करने व एंबुलेंस के फिटमेंट्स के लिए किया जाएगा।
श्री विनोद के दसारी, जो की मेनेजिंग डाइरेक्टर हैं, अशोक लीलेंड के ने एक स्टेट्मेंट में जानकारी देते हुए बताया की, "विदेशों के महत्त्वपूर्ण मार्केट्स में एक्सपोर्ट करना अशोक लीलेंड की रणनीति में से एक है जिस के माध्यम से वह अपने प्रॉडक्ट पोर्टफोलीयो को ग्लोबलाइज़ करेगा व साथ ही सिर्फ़ भारत में सप्लाइ करने से भी बचा रहेगा। तंज़ानिया से मिला नये ऑर्डर का मूल्य 170 मिलियन यू एस डॉलर्स है (1140 करोड़ रुपये) जो की अशोक लीलेंड के प्रॉडक्ट्स का अफ़्रीकन क्षेत्र में मार्केट आकसेपटेंस को भी दर्शाता है।"
अशोक लीलेंड और तंज़ानिया सरकार के बीच हुए सभी डेवेलप्मेंट्स की जानकारी कमर्शियल व्हीकल मॅन्युफॅक्चरर ने बॉमबे स्टॉक एक्सचेंज (बी एस ई) की फाइलिंग में दी। तंज़ानिया सरकार की तरफ से यह विशाल ऑर्डर एग्ज़िम बेंक ऑफ इंडिया द्वारा फाइनेंस किया जाएगा प्रतिष्ठित नॅशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस अकाउंट (एन ई आई ए) स्कीम के तहत।
अशोक लीलेंड ने पहले ही 773 व्हीक्ल्स की डिलीवरी तंज़ानिया सरकार को करवा दी है और अब अगले 777 व्हीक्ल्स के नये बेच के लिए काम कर रही है। सभी व्हीक्ल्स की सप्लाइ भारत सरकार द्वारा लाइन ऑफ क्रेडिट के मध्यम से की जा रही है। इन व्हीक्ल्स को तंज़ानिया की मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेर्स को ट्रांसपोर्ट कर दिए गये हैं।
दुनिया भर में भारतीय कमर्शियल व्हीकल मॅन्युफॅक्चरर की डिज़ाइन, डेवलप और क्वालिटी प्रॉडक्ट्स को डिलीवर करने की क्षमता को, वह भी कम खर्च में, सब की नज़रों में आ रही है। और जब की अभी बड़े कमर्शियल व्हीकल मॅन्युफॅक्चरर भारत में बने ट्रक्स और बसेस को अन्य देशों में एक्सपोर्ट कर रहे हैं, तो वो दिन दूर नहीं है की जब भारत सभी कमर्शियल व्हीकल मॅन्यूफॅक्चरिंग का एक मात्र हब होगा।